स्काउट-गाइड के स्थापना दिवस पर शिक्षक हुए सम्मानित 

 मेला ककोड़ा में बच्चों-बुजुर्गों को परिजनों से मिलाया 

  बदायूं। भारत स्काउट और गाइड उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। मेले में खोये हुए बच्चों और बुजुर्गों को उनके परिजनों से मिलाने की सराहनीय सेवा करने वाले शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

स्काउट संस्था के प्रादेशिक वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं जिला मुख्यायुक्त एडवोकेट महेश चंद्र सक्सेना ने कहा कि शिक्षक समाज की आधारशिला हैं। उनका तप, त्याग और राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा भाव अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि स्काउटिंग युवाओं में अनुशासन, सेवा और समर्पण की भावना का संचार करती है। 

जिला संगठन कमिश्नर मोहम्मद असरार ने कहा कि निस्वार्थ सेवा का दूसरा नाम स्काउट है। स्काउटिंग बच्चों और युवाओं को समाजसेवा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करती है। 

पूर्व जिला ट्रेनिंग कमिश्नर संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि भारत स्काउट और गाइड संस्था की स्थापना 7 नवंबर 1950 को हुई थी। स्काउटिंग के जनक रॉबर्ट स्टीफेनसन स्मिथ लॉर्ड बेडन पावेल ने 1907 में इंग्लैंड के ब्राउन्सी द्वीप पर 20 बच्चों के साथ पहला प्रयोगात्मक शिविर लगाकर इस आंदोलन की नींव रखी थी। आज स्काउटिंग बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों में नई ऊर्जा और जोश का संचार कर रही है।


इन्हें किया सम्मानित - 

 जिला मुख्यायुक्त महेश चंद्र सक्सेना, जिला मुख्यालय आयुक्त महीपाल सिंह तोमर, डीओसी मोहम्मद असरार, डीटीसी सत्यपाल गुप्ता, नंदराम शाक्य ने शिक्षक सुरेश बाबू शाक्य, अनार सिंह शाक्य, राजकुमार, शिव कुमार, मोहम्मद हसन, रवि प्रताप सिंह आदि को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।



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